वह शून्य भी तो सत्य है
जो कुछ बयां नहीं करता
वह चांद भी तो सुंदर है
जिसे कोई छू नहीं सकता
जिंदगी भी वैसी ही
एक अनोखी शून्य है
आधी अधूरी कथा होकर
भी वो खुद में पूर्ण है
कुछ न कहके शून्य हमसे
सबकुछ कहता चुप ही रहके
अपनी पूर्णता का प्रमाण
दे जाता वह मौन बनके
शून्य पृथ्वी शून्य आकाश
शून्य जीवन का तपास
शून्य ही सम्पूर्ण है
बाकि सब बस है आभास
जो कुछ बयां नहीं करता
वह चांद भी तो सुंदर है
जिसे कोई छू नहीं सकता
जिंदगी भी वैसी ही
एक अनोखी शून्य है
आधी अधूरी कथा होकर
भी वो खुद में पूर्ण है
कुछ न कहके शून्य हमसे
सबकुछ कहता चुप ही रहके
अपनी पूर्णता का प्रमाण
दे जाता वह मौन बनके
शून्य पृथ्वी शून्य आकाश
शून्य जीवन का तपास
शून्य ही सम्पूर्ण है
बाकि सब बस है आभास